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Saturday, January 27, 2018

Lunar Eclipse 31st January 2018


Dear readers 

I am going to write about the total lunar eclipse which is going to happen on 31st January 2018. This lunar eclipse will be visible all over India. The lunar eclipse will be visible in Mizoram, Arunachal Pradesh, Sikkim, Meghalaya and East-West Bengal after moon rise. Eclipse will start even before moon rise in the rest of India. 
It will start from 17:18 (5:18PM) and end on 20:41 (8:41PM) on 31st January 2018.

'Parva Kaal' of Lunar Eclipse: 

The duration of eclipse is called the Parva Kaal. Holy bath, charity and Mantra recitation has lot of importance during eclipse. Normally the 'Parva Kaal' lasts from the beginning of eclipse till the end of eclipse. In my opinion, everyone should do their spiritual activities by considering moon rise as the beginning of Parva Kaal.

'Sutak' of Eclipse: 

Sutak of this eclipse will start from 8:18 a.m. on 31st January 2018.

Effect of Eclipse on Zodiac Signs:

This particular lunar eclipse is happening on Pushya and ashlesha nakshatras and cancer sign. That is why the eclipse will not prove to be very favorable for these nakshatras and sign. You can refer the following table which lists the effect of eclipse on all the zodiac signs. 


 

Do's and Don'ts During and After the Eclipse: 

During the sutak and eclipse holy bath, charity, Mantra recitation, reading of religious scriptures, pilgrimage, meditation, havan etc. should be done. 

One should keep aside things like grains, rice, white clothes and other things that are to be donated before sunset on 31st January. These should be donated on the next day on 1st February 2018 at the time of sunrise, after taking bath, to an honest and deserving Brahmin or to the poor people. 

These things are prohibited during sutak and eclipse; touching an idle, unnecessary consumption of food, sex, sleeping, oil massage etc.

Telling a lie, gossiping, cutting nails are also prohibited. 

Consuming food or taking medicine during the eclipse are not prohibited for old people, patients, kids and pregnant ladies. 

Pregnant ladies should avoid cutting vegetables and baking pappads. They should keep reciting religious scriptures during the eclipse so that the baby in the womb gets good samskaras. 

One should drop Kusha grass or Tulsi before sutak in liquid food items like milk, curd, pickle, chutney etc. so that these do not get contaminated.

One should recite Mahamrityunjaya Mantra during Eclipse for getting rid of diseases. One can also do this remedy for recovery from diseases.



प्रिय पाठकों इस पोस्ट में मैं आप सब को 31 जनवरी को लगने वाले चंद्रग्रहण के बारे में बताऊंगा। यह चंद्रग्रहण संपूर्ण भारतवर्ष में दिखाई देगा। यह ग्रहण मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, पूर्वी पश्चिम बंगाल में चंद्र उदय के बाद प्रारंभ होगा। भारत के शेष भाग में इस ग्रहण का आरंभ चंद्र उदय से पहले ही हो जाएगा। 
यह 17:18 (5:18 PM) से शुरू होगा और 20:41 (8:41 PM) पर समाप्त होगा। 

ग्रहण का पर्व काल 

चंद्र ग्रहण में स्नान दान जप आदि का विशेष महत्व होता है। सामान्यतः ग्रहण का पर्व काल ग्रहण आरंभ से ग्रहण समाप्ति तक का काल माना जाता है। धर्म परायण लोगों को चंद्र उदय को ही ग्रहण आरंभ मानकर सभी धार्मिक क्रियाओं का संपादन व अनुष्ठान करना चाहिए। 

ग्रहण का सूतक 

इस ग्रहण का सूतक 31 जनवरी 2018 को प्रातः 8:18 से ही प्रारंभ हो जाएगा। 

ग्रहण राशिफल

यह चंद्रग्रहण पुष्य एवं अश्लेषा नक्षत्र तथा कर्क राशि वालों पर घटित हो रहा है।  इसलिए इन नक्षत्रों एवं राशि वालों को ग्रहण का फल विशेष रूप से अशुभ एवं कष्टकारी हो सकता है। जिस राशि के लिए ग्रहण का अशुभ फल नीचे लिखा हुआ है उन लोगों को जप पाठ एवं दान आदि द्वारा ग्रहण के अनिष्ट प्रभाव को कम करना चाहिए। 12 राशियों के लिए इस ग्रहण का शुभ अशुभ फल इस प्रकार से होगा। 



ग्रहण काल तथा बाद में क्या करें क्या ना करें 

ग्रहण के सूतक और ग्रहण काल में स्नान, दान, जप, पाठ, मंत्र, स्तोत्र पाठ, मंत्र सिद्धि, तीर्थ स्थान, ध्यान, हवन आदि शुभ कार्यों का संपादन करना अच्छा रहता है।

आस्थावान लोगों को 31 जनवरी को सूर्यास्त से पूर्व ही अपनी राशि अनुसार अन्न-जल, चावल, सफेद वस्त्र एवं अन्य दान योग्य वस्तुओं का संग्रह करके संकल्प कर लेना चाहिए। तथा अगले दिन यानी 1 फरवरी 2018 को प्रातः सूर्योदय के समय पुनः स्नान करके संकल्प पूर्वक ब्राह्मण को या फिर गरीब आदमियों को दान करना चाहिए।

सूतक एवं ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श, अनावश्यक खाना पीना, मैथुन, निद्रा, तेल-मालिश वर्जित है।

झूठ कपट आदि व्यर्थ बातें करना, नाखून काटना आदि से परहेज करना चाहिए।

वृद्ध, रोगी, बालक एवं गर्भवती स्त्रियों को भोजन या दवाई लेने में कोई दोष नहीं है।

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सब्जी काटना, पापड़ सेकना आदि उत्तेजित कार्यों से परहेज करना चाहिए तथा धार्मिक ग्रंथ का पाठ करते हुए प्रसन्नचित्त रहे। इससे होने वाली संतान स्वस्थ एवं सद्गुणी होती है।

ग्रहण के सूतक से पहले जलीय वस्तुओं जैसे दूध, दही, अचार, चटनी, मुरब्बा इत्यादि में कुशा घास या फिर तुलसी डाल देनी चाहिए। इससे यह दूषित नहीं होते। 

रोग शांति के लिए ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। स्वास्थय लाभ के लिए इस लिंक पर दिया हुआ उपाय भी किया जा सकता है। 


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Gaurav Malhotra

About the Author:

Gaurav Malhotra is a B Tech in Computer Engineering from National Institute of Technology (NIT, Kurukshetra) and a passionate follower of Astrology. He has widely traveled across the world and helped people with his skills. You can contact him on his email jyotishremedy@gmail.com. You can also read more about him on his page. His Facebook page can be reached here.


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