Dear Readers
What is it ?
Tripushkar yoga is that rare occurrence when a particular nakshatra (Tripada Nakshatras) , tithi (Bhadra Tithis) and vaar (of a malefic planet) combine together.
Dwipushkar yoga is that rare occurrence when a particular nakshatra (Dvipada Nakshatra), tithi (Bhadra Tithis) and vaar (of a malefic planet) combine together.
Significance of Tripushkar and Dwipushkar Yoga:
Tripushkar Yoga: Any event that is done in this yoga is deemed to repeat for 3 times in your life. If the event is good then the good event will happen for 3 times in your life but if it is bad then also it will happen for 3 times in your life. So one should avoid any actions that one does not want to be repeated. Births or deaths during this period have the tendency to repeat thrice.
Dwipushkar Yoga: Any
event that is done in this yoga is deemed to repeat for 2 times in your
life. If the event is good then the good event will happen for 2 times
in your life but if it is bad then also it will happen for 2 times in
your life. So one should avoid any actions which one does not want to be
repeated. Births or deaths during this period have the tendency to
repeat twice.
What Should be Done During this Yoga:
Buying gold or jewellery
Property, vehicles purchase
Making investments
Starting a new venture
House warming etc.
I have given just some examples. Readers can consider any other auspicious deed as well.
What Should not be Done:
Taking loans
Initiating legal proceedings
Surgery or getting admitted to a hospital (If it's an emergency then it's a different case)
Or any other inauspicious activity
प्रिय पाठकों
आज इस पोस्ट में मैं त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर योगों के बारे में बताने जा रहा हूँ।
ये योग क्या हैं ? त्रिपुष्कर योग तब बनता है जब त्रिपाद नक्षत्र, भद्रा तिथि और किसी पाप ग्रह का वार एक साथ एक ही दिन आते हैं।
द्विपुष्कर योग तब बनता है जब द्विपाद नक्षत्र, भद्रा तिथि और किसी पाप ग्रह का वार एक साथ एक ही दिन आते हैं।
त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर योग का महत्त्व:
त्रिपुष्कर योग: इस योग में जो कार्य किया जाता है वो पूरे जीवन में 3 बार दोहराया जाता है। यदि कोई शुभ कार्य इस योग में किया जाए तो वह भी जीवन में 3 बार दोहराया जाता है। और अगर कोई अशुभ या अनचाहा कार्य किया जाए तो वो भी जीवन में 3 बार दोहराया जाता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं की कोई कार्य दोहराया न जाए तो उस कार्य को इस योग के दौरान न करें। इस योग के दौरान हुई मृत्यु की वजह से उस परिवार में मृत्यु भी तीन बार हो सकती है।
द्विपुष्कर योग: इस
योग में जो कार्य किया जाता है वो पूरे जीवन में 2 बार दोहराया जाता है।
यदि कोई शुभ कार्य इस योग में किया जाए तो वह भी जीवन में 2 बार दोहराया
जाता है। और अगर कोई अशुभ या अनचाहा कार्य किया जाए तो वो भी जीवन में 2 बार दोहराया जाता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं की कोई कार्य दोहराया न जाए
तो उस कार्य को इस योग के दौरान न करें। इस योग के दौरान हुई मृत्यु की वजह
से उस परिवार में मृत्यु भी दो बार हो सकती है।
इस योग में क्या किया जाना चाहिए :
सोना या गहने खरीदना
वाहन या घर/ज़मीन खरीदना
निवेश करना
नया काम शुरू करना
गृह प्रवेश करना इत्यादि
इनके अलावा भी अगर आप चाहते हैं की कोई कार्य दोहराया जाए तो उसे इस योग में कर सकते हैं।
इस योग में क्या नहीं किया जाना चाहिए :
लोन लेना
कानूनी केस करना
शल्य चिकित्सा या फिर अस्पताल में भर्ती होना
या फिर कोई भी अनचाहा या अशुभ कार्य जो भी आप नहीं चाहते की दोबारा से जीवन में हो वो इस योग में नहीं करना चाहिए।
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Gaurav Malhotra
Could you pls let me know when it falls
ReplyDeleteTripushkar Yoga: 24th Dec and 30th Dec
DeleteDwipushkar Yoga: It will not be formed in December
Please guide whether engagement of the marriage should be done or not in Dwipushkar yog.
ReplyDeleteIs it good if baby born on this tripushkar yoga
ReplyDeleteGreat readding your blog post
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