Dear Readers
I am going to talk a bit about the Hindi Bhadrapad month in this post.
Bhadrapad or Bhado is the 6th month in the Shaka calendar. It
corresponds to August - September
months of Gregorian calendar. This month starts with entry of Sun in Leo sign.
This year Bhadrapad month starts from 8th August and ends on 6th September.
Main Festivals and Fasts During Bhadrapad Maas This Year:
Festival/Fast Name
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Date
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Chandan Shashthi
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13 August
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Shri Krishna Janmashtami
It marks the birth of Lord Krishna |
14 August
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Somvati Amaavas
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21 August
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Haritalika Teej
Fasting on this day is observed by married ladies |
24 August
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Siddhi Vinaayak Ganesh Chaturthi
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25 August
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Anant Chaturdashi
Fasting for Lord Vishnu is observed on this day |
5 September
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Pitri Paksh Starts
This fortnight belongs to the elders who have passed away |
6 September
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What Should be Done During Bhadrapad Maas to Get Good Results:
Ganesh Chaturthi Fast: Fasting should be observed on 11th August. Lord Ganesha should be worshipped in the evening and laddoos should be offered as prasad. As the Moon rises, water should be offered to the Moon. It is said to yield prosperity.
Shri Krishna Janmashtami: Fasting should be observed on 14th August on Janmashtami. Vaishnavaites observe Janmashatami on 15th August for the rest it will be on 14th August.
Haritalika Teej: Fasting on this by married ladies begets marital bliss and progeny.
Siddhi Vinayak Chaturthi: Fasting should be observed on this day and "Om Gam Ganpataye Namaha" this mantra should be recited. Moon should not be seen on this day otherwise there will be a fear of facing unnecessary blames.
Anant Chaturdashi: Fasting should be observed and Lord Vishnu should be worshipped by reciting the mantra "Om Anantaaye Namaha"
Pitri Paksha: Pitri paksha will start from 6th Septeber. No auspicious activity like Griha Pravesh (house warming), marriage, starting a new venture etc. should not be started during this fortnight.
प्रिय पाठकों
इस पोस्ट में मैं अभी चल रहे भाद्रपद मास के बारे में लिखूंगा।
भाद्रपद मास हिंदू कैलेंडर छटा मास होता है। ग्रेगोरियन
कैलेंडर के अगस्त - सितम्बर महीनों में भाद्रपद मास पड़ता है। इस मास में सूर्य सिंह राशि में होता है।
इस साल भाद्रपद मास 8 अगस्त से शुरू हुआ है और 6 सितम्बर को समाप्त होगा।
भाद्रपद मास के प्रमुख व्रत व त्यौहार :
त्यौहार/व्रत का नाम
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तारीख
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चन्दन षष्ठी
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13 अगस्त
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी
|
14 अगस्त
|
सोमवती अमावस्या
|
21 अगस्त
|
हरितालिका तीज
|
24 अगस्त
|
सिद्धि विनायक गणेश चतुर्थी
|
25 अगस्त
|
अनंत चतुर्दशी
|
5 सितम्बर
|
पितृ पक्ष आरम्भ
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6 सितम्बर
|
भाद्रपद मास में सुख समृद्धि पाने के लिए क्या करना चाहिए :
गणेश चतुर्थी व्रत: 11 अगस्त के दिन व्रत रखें। श्री गणेश जी की सांय काल पूजा की जानी चाहिए और उन्हें लड्डुओं का भोग लगाया जाना चाहिए। चंद्र उदय होने पर चंद्र अर्घ्य देना चाहिए ऐसा करने से अभीष्ट सुखों की प्राप्ति होती है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: 14 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए। वैष्णव लोग जन्माष्टमी 15 अगस्त के दिन मनाएंगे। लेकिन बाकी सब के लिए जन्माष्टमी 14 अगस्त के दिन ही होगी।
हरितालिका तीज: इस दिन अगर विवाहित स्त्रियां व्रत रखें तो इससे वैवाहिक सुख और पुत्र संतति की प्राप्ति होती है।
सिद्धि विनायक चतुर्थी इस दिन व्रत रखना चाहिए और "ॐ गं गणपतए नमः" इस मंत्र का ज्यादा-से-ज्यादा जप करना चाहिए। इस दिन चंद्रमा को देखना नहीं चाहिए नहीं तो कलंक लगने का भय रहता है।
अनंत चतुर्दशी इस दिन भगवान विष्णु की याद में व्रत रखना चाहिए और भगवान विष्णु को "ॐ अनंताय नमः" इस मंत्र के जप द्वारा याद रख करना चाहिए
पितृपक्ष 6 सितम्बर से पितृपक्ष आरंभ होगा इस पक्ष में (पक्ष यानी के 15 दिन का समय) कोई भी पवित्र कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नया काम आरंभ करना इत्यादि नहीं करना चाहिए।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: 14 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए। वैष्णव लोग जन्माष्टमी 15 अगस्त के दिन मनाएंगे। लेकिन बाकी सब के लिए जन्माष्टमी 14 अगस्त के दिन ही होगी।
हरितालिका तीज: इस दिन अगर विवाहित स्त्रियां व्रत रखें तो इससे वैवाहिक सुख और पुत्र संतति की प्राप्ति होती है।
सिद्धि विनायक चतुर्थी इस दिन व्रत रखना चाहिए और "ॐ गं गणपतए नमः" इस मंत्र का ज्यादा-से-ज्यादा जप करना चाहिए। इस दिन चंद्रमा को देखना नहीं चाहिए नहीं तो कलंक लगने का भय रहता है।
अनंत चतुर्दशी इस दिन भगवान विष्णु की याद में व्रत रखना चाहिए और भगवान विष्णु को "ॐ अनंताय नमः" इस मंत्र के जप द्वारा याद रख करना चाहिए
पितृपक्ष 6 सितम्बर से पितृपक्ष आरंभ होगा इस पक्ष में (पक्ष यानी के 15 दिन का समय) कोई भी पवित्र कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नया काम आरंभ करना इत्यादि नहीं करना चाहिए।
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Gaurav Malhotra
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