Dear Readers
I
am posting a mantra in this post which can help in securing a husband for a girl of marriageable age. This sookt has been taken from Atharva Ved and hence quite powerful.
I have given both the sookt and its translation below.
I have given both the sookt and its translation below.
(Android users who are watching this post through my app (Astro Junction App) on their smartphones, should click on the title of the post above to see the complete post.)
Mantra:
Aa No Agne Sumatim Sambhlo Gamedimaam Kumaareem Sah No Bhagen |
Jushtaa Vareshu Samneshu Valgurosham Patyaa Saubhagam Stavasyaye || 1 ||
To please us may the suitor come, O Agni, seeking this maid and
bringing us good fortune.
Approved by wooers, lovely in assemblies, may she be soon
made happy with a husband. || 1 ||
bringing us good fortune.
Approved by wooers, lovely in assemblies, may she be soon
made happy with a husband. || 1 ||
Somjushtam Brahmjusht Maryamnaa Sambhritam Bhagam |
Dhaturdevasya Satyen Krinomi Pativedanam || 2 ||
As bliss beloved by Soma, dear to Prayer, and stored by Arya-man,
With the God Dhātar's truthfulness I work the bridal oracle. || 2 ||
With the God Dhātar's truthfulness I work the bridal oracle. || 2 ||
Eeyamagne Naari Patim Videsht Somo Hi Raja Subhgaam Krinoti |
Suvaanaa Putraan Mahishi Bhavaati Gatvaa Patim Subhagaa Vi Raajatu || 3 ||
Suvaanaa Putraan Mahishi Bhavaati Gatvaa Patim Subhagaa Vi Raajatu || 3 ||
O Agni, may this woman find a husband. Then verily King Soma
makes her happy.
May she bear sons, chief lady of the household, blessed and
bearing rule beside her consort. || 3 ||
As this lair, Maghavan! that is fair to look on was dear to wild
things as a pleasant dwelling,
So may this woman here be Bhaga's darling. Loved by her lord
and prizing his affection. || 4 ||
makes her happy.
May she bear sons, chief lady of the household, blessed and
bearing rule beside her consort. || 3 ||
Yathaakharo Maghvansh Chaaruresh Priyo Mrigaanaam Sushadaa Babhoov |
Evaa Bhagasya Jushteyamastu Naari Sampriya Patyaa Viraadhyanti || 4 ||
Evaa Bhagasya Jushteyamastu Naari Sampriya Patyaa Viraadhyanti || 4 ||
things as a pleasant dwelling,
So may this woman here be Bhaga's darling. Loved by her lord
and prizing his affection. || 4 ||
Bhagasya Naavamaa Roh Poornaamanu Padasvateem |
Tayo Paprataaraye Yo Varaha Pratikaamyaha || 5 ||
Mount up, embark on Bhaga's ship, the full, the inexhaustible,
Thereon bring hitherward to us the lover whom thou fain
wouldst wed. || 5 ||
Thereon bring hitherward to us the lover whom thou fain
wouldst wed. || 5 ||
Aa Krandaye Dhanpate Varmaam Nasam Krinu |
Sarvam Pradakshinam Krinu Yo Varaha Prati Kaamyaha || 6 ||
Sarvam Pradakshinam Krinu Yo Varaha Prati Kaamyaha || 6 ||
inclined.
Set each on thy right hand who is a lover worthy of her choice. || 6 ||
Idam Hiranyam Gulgulvaye Mauksho Atho Bhagah |
Aite Patibhyastva Madooh Pratikaamaaye Vettave || 7 ||
Here is the Bdellium and the gold, the Auksha and the bliss areAite Patibhyastva Madooh Pratikaamaaye Vettave || 7 ||
here:
These bring thee to the husbands, so to find the man whom thou.
wouldst have. || 7 ||
Aa Te Nayatu Savita Nayatu Patiryaha Pratikaamyaha |
Tvamasyaye Dhehyoshadhe || 8 ||
desires.
O Plant, be this thy gift to her. || 8 ||
You can download the recording of this mantra by clicking on this link
Procedure:
- This hymn should be recited by the parents of the girl.
- Sit on a red colored cloth or asana facing east direction and light incense sticks and dhoop.
- With complete faith and devotion, the above hymn should be recited for as many times as one can daily. The more you do it the better.
- This mantra should be recited daily to get complete benefit. Try to be as regular as you can. If faith and devotion on the hymn is pure, benefit will be realized very soon.
इस पोस्ट में मैं एक ऐसा सूक्त देने जा रहा हूँ जिसके नियमित जप से कन्या के लिए वर की प्राप्ति होती है । ये पति प्राप्ति सूक्त अथर्व वेद से लिया गया है और काफी शक्तिशाली है ।
सूक्त और इसका अर्थ नीचे दिया गया है ।
सूक्त कई मन्त्रों को मिलाकर बनता है । यह शक्तिशाली सूक्त मैंने अथर्व वेद से लिया है । मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर ये कह सकता हूँ की वेदों के मंत्र एवं सूक्त बेहद शक्तिशाली और जल्दी असर देने वाले होते हैं ।
मंत्र:
आ नो अग्ने सुमतिम संभलो गमेदिमाम कुमारीम सह नो भगेन ।
जुष्टा वरेषु समनेशु वल्गुरोशम पत्या सौभगम स्तवस्यै ॥ १ ॥
हे अग्ने ! हमारी इस बुद्धिमती कुमारी कन्या को ऐश्वर्य के साथ सर्वगुण सम्पन्न वर प्राप्त हो । हमारी कन्या बड़ों के बीच में प्रिय तथा समान विचार वालों में मनोरम है । इसे पति के साथ रहने का सौभाग्य प्राप्त हो ॥ १ ॥
सोमजुष्टम ब्रह्मजुष्ट मर्यम्णा संभृतम भगम ।
धातुर्देवस्य सत्येन कृणोमि पतिवेदनम ॥ २ ॥
सोमदेव और गन्धर्वदेव द्वारा सेवित तथा अर्यमा नामक अग्नि द्वारा स्वीकृत कन्या रूप धन को हम सत्य वचन से पति द्वारा प्राप्त करने के योग्य बनाते हैं ॥ २ ॥
इयमग्ने नारी पतिम विदेष्ट सोमो ही राजा सुभगाम कृणोति ।
सुवाना पुत्रान महिषी भवाति गत्वा पतिम सुभगा वि राजतु ॥ ३ ॥
हे अग्निदेव ! यह कन्या अपने पति को प्राप्त करे और राजा सोम इसे सौभाग्यवति बनाएं । यह कन्या अपने पति को प्राप्त करके सुशोभित हो और वीर पुत्रों को जन्म देती हुई घर की रानी बने ॥ ३ ॥
यथाखरो मघ्वंश चारुरेश प्रियो मृगाणाम सुषदा बभूव ।
एवा भगस्य जुश्टेयमस्तु नारी सम्प्रिया पत्या विराधयन्ति ॥ ४ ॥
हे इंद्रदेव ! जिस प्रकार गुफा का स्थान मृगों के लिए प्रिय तथा बैठने योग्य होता है, उसी प्रकार यह स्त्री अपने पति से विरोध न करती हुई तथा समस्त भोग्य वस्तुओं का सेवन करती हुई अपने पति के लिए प्रीतियुक्त हो ॥ ४ ॥
भगस्य नावमा रोह पूर्णामनु पदस्वतीम ।
तयो पप्रतारय यो वरः प्रतिकाम्यह ॥ ५ ॥
हे कन्ये ! आप इच्छित तथा अविनाशी ऐश्वर्य से परिपूर्ण हुई नौका पर चढ़कर, उसके द्वारा अपने अभिलाषित पति के पास पहुंचे ॥ ५ ॥
आ क्रन्दय धनपते वरमाम नसम कृणु ।
सर्वम प्रदक्षिणम कृणु यो वरः प्रति काम्यह ॥ ६ ॥
हे धनपते वरुणदेव ! आप इस वर के द्वारा उद्घोष कराएं कि यह कन्या हमारी पत्नी हो । आप इस वर को कन्या के सामने बुलाकर उसके मन को कन्या की और प्रेरित करें तथा उसे अनुरूप व्यवहार वाला बनाएं ॥ ६ ॥
इदम हिरण्यम गुलगुलवय मौक्षो अथो भगः ।
एते पतिभ्यस्त्वा मदुः प्रतिकामाय वेत्तवे ॥ ७ ॥
हे कन्ये ! ये स्वर्णिम आभूषण, गूगल की धूप तथा लेपन करने वाले औक्ष को अलंकार के स्वामी भग देवता आपकी पति कामना की पूर्ती तथा आपके लाभ के लिए आपके पति को प्रदान करते हैं ॥ ७ ॥
आ ते नयतु सविता नयतु पतिर्यह प्रतिकाम्यह ।
त्वमस्यै धेह्योषधे ॥ ८ ॥
हे औषधे ! आप इस कन्या को पति प्रदान करें । हे कन्ये ! सवितादेव इस वर को आपके समीप लाएं । आपका इच्छित पति आपके साथ विवाह करके आपको घर ले जाए ॥ ८ ॥
इस मंत्र की ऑडियो रिकॉर्डिंग आप इस लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं ।
विधि:
- ये मन्त्र कन्या के माता-पिता द्वारा किया जाना चाहिए ।
- एक लाल रंग के कपड़े/आसन पर पूर्व दिशा की और मुख करके बैठ जाएँ और धूप अगरबत्ती जला लें ।
- ऊपर दिया हुआ सूक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रोज़ ज़्यादा से ज़्यादा करें । जितना ज़्यादा करेंगे उतना ही अच्छा है ।
- इस मंत्र का पूरा फायदा लेने के लिए रोज़ जपा जाना चाहिए । ज़्यादा से ज़्यादा नियमित रहने की कोशिश करें । अगर सूक्त पर श्रद्धा और विशवास सच्चा है तो फायदा जल्दी मिलेगा ।
##########################################################
If you liked this article and this blog then please leave a review on Google by clicking on this link and on Facebook by clicking on this link
अगर आपको ये लेख और ये ब्लॉग पसंद आया तो अपने विचार गूगल पर व्यक्त करें इस लिंक पर क्लिक करके और फेसबुक पर व्यक्त करें इस लिंक पर क्लिक करके ।
##########################################################
Gaurav Malhotra
Hello sir mai ye janna chahti hun ki vidwashan agar kisi ne kiya hai husband wife ke beech me ladai karne ke liye to ham use kaise door kar sakte hai please sir bataiye mai bahit pareshan hun ham dono me pahale bahut pyar tha but ab to bat cheet nahi ho rahi hai mere do bacche hai vo safar kar rahe hai please sir meri kuch help kariye mai bahut hi pareshan hun
ReplyDelete