Dear Readers
I am posting a remedy in this post to attract the estranged wife. If your wife is not in your control then also this mantra may be beneficial. This is a sookt (hymn-collection of mantras) from the Atharva Veda. In my personal experience I have found the vedic mantras to be very powerful. I hope this remedy will be beneficial for all the husbands :)
I have given both the sookt and its translation below.
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Mantra:
Yathaa Vriksham Libujaa Samantam Parishasvaje |
Evaa Paridhvajasva Maam Kaaminyaso Yathaa Mannaapagaa Asaha || 1 ||
Like as the creeper throws, her arms on every side around the
tree,
So hold thou me in thine embrace that thou mayst be in love
with me, my darling, never to depart. || 1 ||
tree,
So hold thou me in thine embrace that thou mayst be in love
with me, my darling, never to depart. || 1 ||
Yathaa Suparnaha Prapatana Pakshau Nihanti Bhoomyaam
Evaa Ni Hanmi Te Mano Yathaa Maam Kaaminyaso Yathaa Mannaapagaa Asaha || 2 ||
As, when he mounts, the eagle strikes his pinions downward on
the earth,
So do I strike thy spirit down that thou mayst be in love with
me, my darling, never to depart. || 2 ||
the earth,
So do I strike thy spirit down that thou mayst be in love with
me, my darling, never to depart. || 2 ||
Yatheme Dyaava Prithivi Sadyaha Paryeti Sooryah |
Evaa Paryemi Te Mano Yathaa Maam Kaaminyaso Yathaa Mannaapagaa Asaha || 3 ||
As in his rapid course the Sun encompasses the heaven and:
earth,
So do I compass round thy mind that thou mayst be in love with.
me, my darling, never to depart. || 3 ||
earth,
So do I compass round thy mind that thou mayst be in love with.
me, my darling, never to depart. || 3 ||
You can download the recording of this mantra by clicking on this link
Procedure:
- Sit on a red colored cloth or asana facing east direction and light incense sticks and dhoop.
- With complete faith and devotion, the above hymn should be recited for as many times as one can daily. The more you do it the better. Keep your wife's image in mind while you are reciting the hymn or you can keep your wife's picture in front and then recite this hymn.
- This mantra should be recited daily to get complete benefit. Try to be as regular as you can. If faith and devotion on the hymn is pure, benefit will be realized very soon.
Note: Unfair use of the hymn may land one in trouble.
इस पोस्ट में मैं एक ऐसा सूक्त देने जा रहा हूँ जिसके नियमित जप से रूठी हुई पत्नी को आकर्षित करके मनाया जा सकता है अगर आपकी पत्नी वजह से आपको छोड़ कर चली गयी है और आप उसे वापिस लाना चाहते हैं तो यह सूक्त काफी प्रभावी होगा । अगर आपकी पत्नी आपके कहने में नहीं है तो भी यह सूक्त काफी अच्छा रहेगा ।
सूक्त कई मन्त्रों को मिलाकर बनता है । यह शक्तिशाली सूक्त मैंने अथर्व वेद से लिया है । मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर ये कह सकता हूँ की वेदों के मंत्र एवं सूक्त बेहद शक्तिशाली और जल्दी असर देने वाले होते हैं । आशा करता हूँ की यह उपाय पतियों के लिए लाभदायक होगा :)
मंत्र:
यथा वृक्षम लिबुजा समन्तम परिषस्वजे ।
एवा परि ध्वजस्व मां कामिन्यसो यथा मन्नापगा असः ॥ १ ॥
(हे देवी !) जिस प्रकार बेल वृक्ष के सहारे ऊपर उठती है, उसी प्रकार तुम मेरी कामना वाली होकर, मेरे साथ सघनता से जुडी रहो और मुझसे दूर न जाओ ॥ १ ॥
यथा सुपर्ण: प्रपतन पक्षौ निहन्ति भूम्याम ।
एवा नि हन्मि ते मनो यथा मां कामिन्यसो यथा मन्नापगा असः ॥ २ ॥
ऊपर उड़ता हुआ गरुड़ जैसे अपने पंखों को नीचे दबाता है, उसी प्रकार तुझे ऊर्ध्वगामी बनाने के लिए तेरे मन को अपनी और लाता हूँ, जिससे तुम मेरे प्रति कामना वाली होकर हमारे पास रहो ॥ २ ॥
यथेमे द्यावा पृथिवी सद्यः पर्येति सूर्य: ।
एवा पर्येमि ते मनो यथा मां कामिन्यसो यथा मन्नापगा असः ॥ ३ ॥
सूर्य जिस प्रकार पृथ्वी आदि लोकों को प्रकाश से संव्याप्त कर लेता है, उसी प्रकार हम अपने प्रभाव से तुम्हारे मन को आकर्षित करते हैं । जिससे तुम हमारे प्रति कामना वाली होकर हमारे पास रहो , दूर न जाओ ॥ ३ ॥
एवा परि ध्वजस्व मां कामिन्यसो यथा मन्नापगा असः ॥ १ ॥
(हे देवी !) जिस प्रकार बेल वृक्ष के सहारे ऊपर उठती है, उसी प्रकार तुम मेरी कामना वाली होकर, मेरे साथ सघनता से जुडी रहो और मुझसे दूर न जाओ ॥ १ ॥
यथा सुपर्ण: प्रपतन पक्षौ निहन्ति भूम्याम ।
एवा नि हन्मि ते मनो यथा मां कामिन्यसो यथा मन्नापगा असः ॥ २ ॥
ऊपर उड़ता हुआ गरुड़ जैसे अपने पंखों को नीचे दबाता है, उसी प्रकार तुझे ऊर्ध्वगामी बनाने के लिए तेरे मन को अपनी और लाता हूँ, जिससे तुम मेरे प्रति कामना वाली होकर हमारे पास रहो ॥ २ ॥
यथेमे द्यावा पृथिवी सद्यः पर्येति सूर्य: ।
एवा पर्येमि ते मनो यथा मां कामिन्यसो यथा मन्नापगा असः ॥ ३ ॥
सूर्य जिस प्रकार पृथ्वी आदि लोकों को प्रकाश से संव्याप्त कर लेता है, उसी प्रकार हम अपने प्रभाव से तुम्हारे मन को आकर्षित करते हैं । जिससे तुम हमारे प्रति कामना वाली होकर हमारे पास रहो , दूर न जाओ ॥ ३ ॥
इस मंत्र की ऑडियो रिकॉर्डिंग आप इस लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं ।
विधि:
- एक लाल रंग के कपड़े/आसन पर पूर्व दिशा की और मुख करके बैठ जाएँ और धूप अगरबत्ती जला लें ।
- ऊपर दिया हुआ सूक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रोज़ ज़्यादा से ज़्यादा करें । जितना ज़्यादा करेंगे उतना ही अच्छा है । इस सूक्त का जप करते हुए मन में अपनी पत्नी का ध्यान करिये या फिर आप अपनी पत्नी की फोटो सामने रखकर उस पर ध्यान लगाते हुए भी इस सूक्त का जप कर सकते हैं ।
- इस मंत्र का पूरा फायदा लेने के लिए रोज़ जपा जाना चाहिए । ज़्यादा से ज़्यादा नियमित रहने की कोशिश करें । अगर सूक्त पर श्रद्धा और विशवास सच्चा है तो फायदा जल्दी मिलेगा ।
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Gaurav Malhotra
Is it maa or maan or maam?
ReplyDeletePlz clarify