In this post I am going to give a yantra which if kept in the pocket or purse or on body, gives respect in the meetings and among people. It is equally beneficial for people who interact with many people for example politicians, professionals, businessmen etc. (Android users who are watching this post through my app (Astro Junction App) on their smartphones, should click on the title of the post above to see the complete post.)
Things needed:
1) Twig of pomegranate tree; which should be sharpened from one end to give it the shape of a pen.
2) Ashtgandh. It is the mixture of eight things including musk, chandan, saffron etc. It is easily available in shops.
3) Small piece of bhoj patra You will get it easily in a pansaari shop. It is the outer skin of a specific tree.
4) Ganga jal (ganges water), if available. Optional.
5)Talisman enclosure made of copper.
It looks like the one given in the picture below. The enclosure comes
in various shapes like round, square etc. Shape does not matter.
These are all the things that you need. Muhurta: This yantra should be written in shukla paksha (bright half) on Sunday or on any other auspicious muhurta like Ravi Pushya Yoga or Guru Pushya Yoga.
Procedure:
Take pinch of ashtgandh, add few drops of ganges water to it, if
available. If it is not available then add normal water to it. This is
to make the ink so that the above shown yantra can be drawn with this
ink.
मैं अपनी इस पोस्ट में एक ऐसा यन्त्र देने जा रहा हूँ जो अगर पास में रखा जाए या फिर शरीर पर धारण किया जाए तो सभाओं (मीटिंग) में इज्जत मिलती है और लोग आपकी बात सुनते हैं । ऐसे लोग जिनका बहुत लोगों के साथ संपर्क रहता है उन्हें इस यन्त्र का काफी फायदा मिलता है जैसे नेता, प्रोफेशनल, अधिकारी, व्यापारी इत्यादि
आवश्यक सामग्री:
1) अनार के पेड़ की एक डंडी (टहनी) जिसके एक सिरे को तीखा करके कलम का आकार दे दिया जाए।
2) अष्टगंध जो की आठ चीज़ों, चन्दन, कस्तूरी, केसर इत्यादि का मिश्रण है । यह आसानी से पंसारी की दुकान में मिल जाता है ।
3) भोजपत्र: ये भी आसानी से पंसारी की दूकान से मिल जाता है ।
4) गंगा जल अगर उपलब्ध हो तो अन्यथा साधारण पानी भी लिया जा सकता है ।
5) ताम्बे का बना हुआ ताबीज़ का खोल। ताबीज़ कई आकार में आते हैं । आप कोई भी आकार का खोल ले सकते हैं ।
आपको यन्त्र बनाने के लिए इन सब सामग्रियों की आवश्यकता है ।
मुहूर्त:
इस यन्त्र को आप शुक्ल पक्ष के रविवार को या फिर किसी भी शुभ मुहूर्त
(जैसे रवि पुष्य योग, गुरु पुष्य योग आदि) में भी बना सकते हैं ।
विधि:
चुटकी भर अष्टगंध लें और इसमें गंगा जल या साधारण जल मिला लें । इससे आपकी
स्याही तैयार हो जायेगी जिससे आप ऊपर दिया हुआ यन्त्र बनायेंगे ।
नोट: ऊपर
दी गयी विधि केवल पाठकों की शिक्षा हेतु दी गयी है । यन्त्र बनाने में
बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है और वो सारी बातें एक लेख में नहीं बतायी जा सकती हैं । यन्त्र बनाना एक कला है और पूरा फायदा लेने के लिए यन्त्र किसी अनुभवी व्यक्ति से ही बनवाना चाहिए ।
अगर आप पूरी विधि से मेरे द्वारा बनाया हुआ सभा में आदर सम्मान पाने का यन्त्र मंगवाने में रूचि रखते हैं तो कीमत जानने के लिए मुझे ईमेल करिए ।
Gaurav Malhotra
pranam guruji, guruji meri sasural main meri koi ijajat nahi karta.. koi jaroori kaam ho ya decision, mujhse kabhi discuss nahi karte.... humesha mujhe ullo banate rehte hain...mere pati kehte hain ki tumse discuss nahi kiye to kya mujhe to bataya hai na... mere pati ko b wo log kaam hone ke baad hi batate hain...par mere pati ko koi farak nahi padta.. wo kehte hain ki chodo karne do jo karte hain humara farj hai paise dena hum apna farj nibhayege bas..guruji kya ye sahi baat hai... kya mujhe ghar ka hissa nahi samajhna chahiye.. jabse sadi hui hai kabhi bhi mujhse kuch discuss kiya hi nahi,.main paise dene ke liye kabhi mana nahi karti....guruji pls help kariye...
ReplyDeletepranam guru ji kya interview me yantra le ke ja sakte h pls help me
ReplyDeleteJee haan pahan kar jaaiye yantra.
Delete