I wish all the readers of this blog a very happy and fulfilling new year. Please find the last post of year 2012 below. I was very busy but still due to heavy demand from the readers for a new post, I am publishing this post.
I was reading Charak Samhita when I came to know of some excellent and very important things for pregnant ladies which, I thought, should be made in the form of a post so that this information can reach to all of you.
The following factors may cause death of foetus.
Resorting to difficult or unsuitable exercises
Intake of sharp and hot food and food in excessive or very less quantity.
Frequently looking inside deep wells, place of water fall or abysses.
Traveling in a vehicle which is excessively jerky and uncomfortable.
Hearing of unendearing sounds in excess.
Apart from this there are are other factors as well which may cause impairment to the foetus.
Constantly sleeping in her back: By this the cord attached to the umbilicus of the foetus gets twisted around the neck.
Sleeping in open air and moving at night alone: This may result in the production of an insane progeny (insanity is caused by the attack of evil spirits which get an access to the mother's body conveniently in such situations).
Resorting to vocal abuses and physical assaults: They make the progeny epileptic.
Frequently resorting to sexual intercourse: It makes the progeny physically ill-formed, shameless and subjugated to opposite sex.
Constantly given to grief: This makes the progeny fearful, thin and short lived.
Thinking ill of others: This makes the offspring anti social, envious and subjugated to women/opposite sex.
Stealing(others property): This makes the offspring exceedingly lazy, malicious and of inactive disposition.
Resorting to anger: This makes the offspring fierceful, deceitful and jealous.
Constantly given to sleep: This makes the offspring drowsy, dull and deficient in digestive power.
Addiction to wine: This makes the offspring constantly thirsty, short of memory and fickle minded.
Addiction to the intake of pork: This produces redness in eyes, sudden obstruction of respiration and excessive roughness of the hair of the offspring.
Addiction to the intake of sweet things: This makes the offspring suffer from firameha (obstinate urinary disorder including diabetes), muka(dumbness) and atisthaulya (excessive corpulence).
Addiction to the intake of sour things: This makes the offspring suffer from raktapitta (a disease characterized by bleeding from different parts of the body) and diseases of the skin and eyes.
Addiction to the intake of salt: This makes the offspring suffer from early onset of wrinkles in the skin, graying of hair and baldness.
मैं चरक संहिता पढ़ रहा था जब मुझे गर्भवती महिलाओं के लिए काफी रोचक और अमूल्य जानकारी मिली जिसे पढ़कर मुझे लगा की मुझे इस पर एक पोस्ट लिखनी चाहिए ताकि ये जानकारी आप सब तक पहुच पाए ।
नीचे दिए हुए कारणों की वजह से अजन्मे शिशु की गर्भ में ही मृत्यु हो सकती है ।
गलत व्यायाम करने की वजह से ।
बहुत तीखा, बहुत गर्म, बहुत ज्यादा मात्रा में या बहुत कम मात्रा में खाना खाने से ।
बार बार बहुत गहरी जगहों में या कुओं के अन्दर झाँकने से ।
किसी ऐसे वाहन में यात्रा करने से जिसमे बहुत झटके लगते हों ।
ऐसी आवाजें बहुत अधिक मात्रा में सुनने पर जो कानों को अच्छी न लगें ।
इसके अलावा ऐसी और भी कई बातें हैं जिसकी वजह से अजन्मे शिशु को नुक्सान पहुँच सकता है ।
ज्यादातर समय पीठ के बल लेटे रहना: इससे माँ से बच्चे को जाने वाली नली बच्चे की गर्दन के चारों तरफ लिपट सकती है ।
बाहर खुले आकाश के नीचे सोना या रात में अकेले घूमना: इससे विक्षिप्त संतान पैदा हो सकती है । क्योंकि इन परिस्थितियों में बुरी ताकतें/आत्माएं माँ के शरीर तक आसानी से पहुँच जाती हैं ।
अपशब्द बोलना या पीटना: इससे अजन्मे शिशु को मिर्गी की बीमारी हो सकती है ।
बार बार संभोग करते रहना: इससे अपवित्र विचार अजन्मे शिशु तक पहुँचते है और भविष्य में संतान को बेशर्म और विपरीत लिंग के प्रति अत्यधिक आकर्षित होने वाला बना सकती है । इसके अतिरिक्त संतान शारीरिक रूप से भी विक्षिप्त हो सकती है ।
लगातार दुखी या उदास रहना: इससे डरपोक, कमज़ोर और कम उम्र संतान पैदा होती है ।
दूसरों के बारे में गलत सोचना: इससे असामाजिक, ईर्ष्यालु और विपरीत लिंग के प्रति अत्यधिक आकर्षित रहने वाली संतान पैदा होती है ।
दूसरों का धन/संपत्ति चुराना: इससे अत्यधिक आलसी और दुर्बुद्धि संतान पैदा होती है ।
गुस्सा करते रहना: इससे क्रूर, धोखेबाज़ और ईर्ष्यालु संतान पैदा होती है।
ज्यादातर समय सोते रहना: इससे आलसी, सुस्त, और क्षीण पाचन शक्ति वाली संतान पैदा होती है ।
शराब की आदत होना: इससे बार बार प्यासी रहने वाली, क्षीण और दुर्बुद्धि संतान पैदा होती है ।
सूअर का मांस खाने की आदत होना: इससे आँखों में लाली रहना, श्वास में अचानक रुकावट आना और अत्यधिक रूखे बाल जैसी समस्याओं वाली संतान पैदा होती है । इसी प्रकार और प्रकार का मांस खाने पर भी कई समस्याएँ संतान को हो जाती है जो पोस्ट को छोटा रखने के विचार से यहाँ नहीं लिखी गयी हैं ।
अत्यधिक मीठा खाने की आदत होना: इससे मधुमेह, मूत्र से सम्बंधित बीमारियाँ, गूंगापन और मोटापे जैसी बीमारियाँ संतान को हो सकती हैं ।
अत्यधिक खट्टा खाने की आदत होना: इससे रक्तपित्त (जिसमे शरीर के कई हिस्सों से रक्त निकलता है ) और त्वचा और आँखों से सम्बंधित बीमारियाँ संतान को हो सकती हैं ।
अत्यधिक नमक खाने की आदत होना: इससे संतान को समय से पहले त्वचा पर झुर्रियां आना और बालों का जल्दी सफ़ेद होना और झड़ना जैसी समस्यायें हो सकती हैं।
Gaurav Malhotra
I think I have to agree with one of the above topic because my child is getting physically ill frequently.Is there any astrology solution to this problem?
ReplyDeleteThere is a separate branch of astrology on the diseases which is called medical astrology. There definitely are remedies and people have been benefitted by those remedies as well. Please send me a mail on jyotishremedy@gmail.com
Deletenameste gauravji,plz mere ko 15 july se 23 july mai koi shubh din aur shubh samay bata dijiye meri delivery ke liye...mera baby achche din aur achche nakshatra mai ho plz
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